छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुए भीषण मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के तीन जवान शहीद हो गए, जबकि 12 माओवादी मारे गए। इस मुठभेड़ में दो जवानों को गोली लगी, हालांकि उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इस वर्ष मुठभेड़ों में शहीद होने वाले जवानों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है, जबकि पिछले वर्ष 19 जवान शहीद हुए थे। अधिकारियों के अनुसार, बीजापुर और दंतेवाड़ा के DRG, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रेज़ॉल्यूट एक्शन (CoBRA) ने एक संयुक्त अभियान चलाया था। यह कार्रवाई माओवादियों की उपस्थिति के पुख्ता खुफिया इनपुट के आधार पर की गई।
सुबह करीब 9 बजे बीजापुर के जंगल क्षेत्र में कंपनी नंबर-2 से जुड़े माओवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई, जो घंटों तक रुक-रुक कर चलती रही। शाम को गोलीबारी बंद होने के बाद तलाशी अभियान चलाया गया जिसमें 12 माओवादियों के शव बरामद हुए।
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बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि शहीद जवानों की पहचान हेड कॉन्स्टेबल मोनू वडाडी, कॉन्स्टेबल दुजारू गोंडे और रमेश सोड़ी के रूप में हुई है। घायल जवानों की हालत स्थिर है।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल भेज दिया गया है और क्षेत्र को घेर लिया गया है। दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने बताया कि मौके से SLR, INSAS और .303 राइफलें बरामद की गई हैं।
इस वर्ष छत्तीसगढ़ में अब तक 275 माओवादी मारे जा चुके हैं, जिनमें से 246 अकेले बस्तर क्षेत्र में मारे गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म करने की समयसीमा तय की है। अधिकारियों के मुताबिक, कई शीर्ष नक्सली नेताओं के मारे जाने और आत्मसमर्पण के कारण माओवादी संगठन काफी कमजोर हो चुका है।
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