दिल्ली हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात से जुड़े 70 भारतीय नागरिकों के खिलाफ दर्ज कोविड-19 से संबंधित आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया। अदालत ने इन सभी आरोपों और कानूनी कार्यवाहियों को 16 एफआईआर और उनसे जुड़ी चार्जशीट सहित खारिज कर दिया है।
इन व्यक्तियों पर मार्च 24, 2020 से मार्च 30, 2020 के बीच कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न मस्जिदों में विदेशी नागरिकों को ठहराने का आरोप था। उन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत, विशेषकर आपराधिक साजिश (criminal conspiracy) के तहत आरोपित किया गया था।
हालांकि, जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने खुले अदालत कक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इन मामलों में आगे की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी और सभी कार्यवाहियां समाप्त मानी जाएंगी। विस्तृत निर्णय शीघ्र ही सार्वजनिक किया जाएगा।
एफआईआर में 195 विदेशी नागरिकों के नाम दर्ज थे, लेकिन चार्जशीट में उनमें से अधिकांश को आरोपी नहीं बनाया गया था। इसके अलावा, कई मामलों में मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने डबल जियोपार्डी (एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं) के सिद्धांत के तहत संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।
इस फैसले से न केवल उन 70 भारतीयों को राहत मिली है, बल्कि यह महामारी के दौरान धार्मिक समूहों पर लगाए गए आरोपों और उनकी वैधता को लेकर भी एक महत्वपूर्ण कानूनी संकेत देता है।