×
 

संसद बहस का नहीं, समाधान का मंच है: पीएम मोदी ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन कहा

शीतकालीन सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि संसद समाधान का मंच है। सरकार कई अहम बिल पेश करेगी जबकि विपक्ष मतदाता सूची संशोधन मुद्दा उठाएगा।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद “ड्रामा का स्थान नहीं, डिलीवरी का स्थान” है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सत्र हार की निराशा का युद्धक्षेत्र नहीं बनना चाहिए और न ही जीत के बाद अहंकार का अखाड़ा बनना चाहिए। पीएम मोदी ने सभी दलों से आग्रह किया कि वे देशहित में सकारात्मक चर्चा और रचनात्मक भागीदारी सुनिश्चित करें।

1 दिसंबर 2025 से शुरू हो रहा यह शीतकालीन सत्र सरकार के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है। सरकार इस सत्र में नागरिक परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने से संबंधित विधेयक पेश करने की तैयारी में है। दूसरी ओर, विपक्ष 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची संशोधन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।

सत्र की पहली बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई महत्वपूर्ण बिल पेश करेंगी, जिनमें मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, और हेल्थ सिक्योरिटी से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 शामिल हैं।

और पढ़ें: बांग्लादेश को अब भी मित्र मानता हूँ, हालात सुधरने की उम्मीद: नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी

आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन पहली बार राज्यसभा के सभापति के रूप में सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

सत्र से एक दिन पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी दलों के फ्लोर नेताओं की बैठक की, ताकि सत्र के दौरान समन्वय बना रहे। यह सत्र केवल 15 दिनों का होगा और विपक्ष को इसमें 25% से भी कम समय मिलेगा, जो इसे सबसे छोटे सत्रों में से एक बनाता है।

और पढ़ें: गैंगलैंड: पंजाब में बढ़ती गोलीबारी ने फैलाई दहशत, सड़क से शादी हॉल तक फैला खौफ

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share