उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के एक दिन बाद, राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की अध्यक्षता में चली। उन्होंने कार्यवाहक सभापति की भूमिका निभाई और सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू की।
धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी थे, ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद संविधान के अनुच्छेद 91 के तहत उपसभापति को सभापति की जिम्मेदारी संभालनी होती है। हरिवंश, जो जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता हैं, पिछले कुछ वर्षों से उपसभापति पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने इससे पहले भी कई बार सभापति की भूमिका निभाई है।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही। हरिवंश ने सांसदों को उनके विषयों पर बोलने का समय प्रदान किया और प्रश्नकाल को प्रभावी रूप से संचालित किया। विपक्ष की ओर से किसी प्रकार का विरोध या हंगामा नहीं हुआ, जिससे कार्यवाही सुचारु रूप से संपन्न हो सकी।
संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कुछ सदस्यों ने कहा कि वे धनखड़ के इस्तीफे से हैरान हैं, लेकिन लोकतांत्रिक संस्थानों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए। वहीं, विपक्ष ने उम्मीद जताई कि नए उपराष्ट्रपति निष्पक्षता और गरिमा के साथ इस संवैधानिक पद का निर्वहन करेंगे।
धनखड़ के उत्तराधिकारी को लेकर अभी राजनीतिक चर्चाएं जारी हैं। सरकार जल्द ही नए नाम पर सहमति बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।