हिमाचल प्रदेश सरकार ने जानकारी दी कि राज्य में राजस्व लोक अदालतों (Revenue Lok Adalats) ने बीते ढाई वर्षों के भीतर लगभग 4 लाख लंबित मामलों का समाधान किया है। यह पहल राज्य में न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज और सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 2.5 वर्षों की अवधि में विभिन्न जिलों में आयोजित लोक अदालतों ने भूमि विवाद, सीमा निर्धारण, विरासत और नामांतरण जैसे राजस्व मामलों को प्राथमिकता से निपटाया। इससे न केवल न्याय पाने में लोगों को राहत मिली, बल्कि न्यायिक प्रणाली पर बढ़ते दबाव को भी कम किया गया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह राजस्व विभाग और जिला प्रशासन की समर्पित कार्यशैली का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार लोक अदालतों की संख्या और पहुंच को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है ताकि ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लोगों को त्वरित न्याय मिल सके।
राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से सुलझाए गए मामलों में अधिकांश वे मामले थे, जो वर्षों से अदालतों में लंबित थे और आम जनता के लिए तनाव और असुविधा का कारण बने हुए थे।
राज्य सरकार का कहना है कि यह पहल लोगों के विश्वास को मजबूत करती है और शासन को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाती है।