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संसद में लगातार चीख-पुकार सुनने से सुनने की क्षमता हुई कम: जया बच्चन का खुलासा

जया बच्चन ने बताया कि संसद में लगातार शोर-शराबा सुनने से उनकी सुनने की क्षमता कमजोर हो गई है। उन्होंने अपने अभिनय करियर, मातृत्व और पापाराज़ी पर भी खुलकर बात की।

जया बच्चन ने खुलासा किया है कि संसद में लगातार चीख-पुकार और हंगामा सुनने के कारण उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो गई है। उन्होंने मजाक में कहा कि अच्छा है कि “अभी तक दिमाग नहीं खोया, बस सुनाई थोड़ी कम देती है।”

सोशल मीडिया पर हाल ही में पापाराज़ी संस्कृति पर दिए गए उनके बयान खूब चर्चा में रहे। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने अभिनय करियर में ब्रेक लेने का कारण भी बताया। The Indian Witness से बातचीत में जया ने कहा कि वह अपने बच्चों श्वेता और अभिषेक को समय देने के लिए घर पर ही मेकअप करने लगी थीं। उनकी बेटी ने एक दिन मासूमियत से कहा, “आप मत जाओ, पापा जाएं,” जिसे सुनकर जया बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने फिल्मों में काम कम कर दिया।

जया ने बताया कि उन्हें बार-बार एक जैसे किरदार मिल रहे थे, इसलिए उन्होंने अभिनय से दूरी बना ली। लेकिन 1997 में श्वेता की शादी के बाद उन्हें अकेलापन महसूस हुआ। वह समय उनके लिए बेहद कठिन था। तभी गोविंद निहलानी ने उन्हें हज़ार चौरासी की मां ऑफर की, और उन्होंने फिल्मों में वापसी की।

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पापाराज़ी पर बोलते हुए जया ने कहा कि उनकी मीडिया से अच्छी पहचान है, लेकिन आज की पापाराज़ी संस्कृति उनके अनुसार गैर-पेशेवर है। उन्होंने कहा, “मोबाइल हाथ में लेकर कोई भी फोटो खींच लेता है और टिप्पणी कर देता है—क्या ये मीडिया है?”

संसद में शोर को लेकर उन्होंने कहा, “संसद में इतनी चीख-पुकार होती है कि अब सुनने में कमी हो गई है।”

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