केरला स्टोरी को राष्ट्रीय पुरस्कार देने पर कांग्रेस और CPI(M) का विरोध, मंत्री साजी चेरियन ने सरकार पर लगाया ‘सांस्कृतिक युद्ध’ छेड़ने का आरोप
द केरला स्टोरी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कांग्रेस और सीपीआई(एम) ने विरोध जताया। मंत्री साजी चेरियन ने इसे संघ समर्थित केंद्र सरकार द्वारा केरल पर सांस्कृतिक युद्ध का हिस्सा बताया।
फ़िल्म ‘द केरला स्टोरी’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने के बाद राजनीतिक विवाद गहरा गया है। कांग्रेस और सीपीआई(एम) नेताओं ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे सांप्रदायिक एजेंडा आगे बढ़ाने का प्रयास बताया है।
केरल के सांस्कृतिक मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि यह पुरस्कार संघ परिवार समर्थित केंद्र सरकार द्वारा धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील केरल के खिलाफ चलाए जा रहे सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक युद्ध का नया हथियार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कला और सिनेमा का इस्तेमाल वैचारिक संघर्ष को मजबूत करने के लिए कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फिल्म विवादित और विभाजनकारी है, और इसे राष्ट्रीय पुरस्कार देने से देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने इसे पुरस्कार प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाला कदम बताया।
और पढ़ें: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: शाहरुख खान को पहला सम्मान, ‘12th फेल’ सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित
सीपीआई(एम) ने कहा कि यह पुरस्कार दर्शाता है कि केंद्र सरकार पुरस्कारों का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए कर रही है, जबकि सिनेमा का उद्देश्य समाज को जोड़ना और जागरूक करना होना चाहिए।
विपक्षी दलों का मानना है कि कला को राजनीतिक और सांप्रदायिक हितों से ऊपर रखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि यह कदम स्वतंत्र विचारों और रचनात्मकता पर हमला है।
इस विवाद के बीच फिल्म निर्माताओं ने पुरस्कार को सिनेमा की जीत बताया है, जबकि राजनीतिक बहस ने इसे एक बड़े वैचारिक संघर्ष का हिस्सा बना दिया है।