बिज़नेस आइडिया: 2 से 6 लाख में अमूल स्टोर, हर महीने 40 हजार से 1.5 लाख तक कमाई संभव
अमूल का लो-इन्वेस्टमेंट फ्रेंचाइज़ी मॉडल बिना रॉयल्टी के 2 से 6 लाख में शुरू होता है, जहां पैक्ड और रेसिपी आधारित उत्पादों से हर महीने अच्छी कमाई संभव है।
कम निवेश में स्थिर और भरोसेमंद रिटेल बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो अमूल स्टोर एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। अमूल का सरल फ्रेंचाइज़ी मॉडल उद्यमियों को मात्र 2 लाख रुपये से डेयरी या डेज़र्ट आउटलेट शुरू करने का अवसर देता है। इसमें कोई रॉयल्टी या राजस्व साझा करने की शर्त नहीं है और उत्पादों पर पहले से तय मार्जिन मिलता है।
अमूल पार्लर पारंपरिक फ्रेंचाइज़ी से अलग “स्टॉक और सेल” मॉडल पर काम करते हैं। फ्रेंचाइज़ी संचालक अधिकृत अमूल डिस्ट्रीब्यूटर से उत्पाद रियायती दर पर खरीदते हैं और एमआरपी पर बेचते हैं। खर्च निकालने के बाद बचा मुनाफा पूरी तरह संचालक का होता है।
अमूल दो प्रमुख आउटलेट फॉर्मेट प्रदान करता है। पहला, प्रेफर्ड आउटलेट/कियोस्क/रेलवे पार्लर, जिसके लिए 100 से 150 वर्ग फुट जगह चाहिए। ये आमतौर पर बाजारों, रेलवे स्टेशनों या रिहायशी इलाकों जैसे अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर खोले जाते हैं। इसमें दूध, दही, मक्खन, पनीर, घी, चीज़ और पैक्ड आइसक्रीम जैसे उत्पाद बेचे जाते हैं। इस फॉर्मेट में कुल निवेश करीब 2 लाख रुपये होता है, जिसमें 25,000 रुपये की रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉज़िट और लगभग 70,000 रुपये के फ्रीज़र व डिस्प्ले रैक शामिल हैं।
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दूसरा फॉर्मेट अमूल आइसक्रीम स्कूपिंग पार्लर है, जिसके लिए 300 वर्ग फुट से अधिक जगह चाहिए। इसमें संडे, शेक, फ्लोट और सैंडविच जैसे हाई-मार्जिन डेज़र्ट पर फोकस किया जाता है। इसका खर्च 5 से 6 लाख रुपये तक आता है।
मार्जिन उत्पाद के अनुसार बदलता है। दूध पर लगभग 2.5%, पैक्ड डेयरी उत्पादों पर 10–20% और आइसक्रीम पर 20% तक मुनाफा मिलता है। सबसे ज्यादा लाभ रेसिपी आधारित आइटम्स से होता है, जहां मार्जिन 50% तक पहुंच सकता है।
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