ईयू ने संयुक्त राष्ट्र की पहल के बाद ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू किए
संयुक्त राष्ट्र की पहल के बाद यूरोपीय संघ ने ईरान पर प्रतिबंध फिर से लागू किए। इसमें ईरानी केंद्रीय बैंक के सक्रियता जम्हीर, अन्य बैंकों और अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा उठाए गए कदमों के बाद, यूरोपीय संघ (ईयू) ने ईरान पर पहले से लागू प्रतिबंधों को पुनः लागू करने की घोषणा की है। ईयू ने कहा कि ये प्रतिबंध ईरानी अर्थव्यवस्था और सरकार पर प्रभावी दबाव बनाने के उद्देश्य से हैं।
इन प्रतिबंधों के अंतर्गत ईरानी केंद्रीय बैंक और अन्य प्रमुख बैंकों के वित्तीय सक्रियता को फ्रीज करने का निर्णय लिया गया है। इसका मतलब है कि ईरान अब यूरोपीय देशों में अपने बैंक खातों का उपयोग नहीं कर सकेगा और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन पर भी रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा, कुछ ईरानी अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, ताकि उन्हें यूरोप में प्रवेश न मिल सके।
ईयू के प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई ईरान के नुक्लिअर कार्यक्रम, मानवाधिकार उल्लंघनों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूरोपीय संघ इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि ईयू के ये प्रतिबंध ईरान की आर्थिक और राजनीतिक रणनीतियों पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। इससे देश के बैंकिंग सेक्टर और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने इस कदम की आलोचना की है और इसे राजनीतिक दबाव का प्रयास बताया है। ईरान ने संकेत दिए हैं कि वे इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की संभावना है।
कुल मिलाकर, यूरोपीय संघ द्वारा ईरान पर प्रतिबंधों की पुनः स्थापना ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ पैदा कर दिया है और वैश्विक समुदाय की निगाहें इस पर बनी हुई हैं।