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आईआईटी गांधीनगर और भारतीय सेना में समझौता: आयुध अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए साझेदारी

आईआईटी गांधीनगर और भारतीय सेना ने आयुध तकनीक व शैक्षणिक सहयोग पर समझौता किया है। इसका उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (IIT-GN) और भारतीय सेना ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को आयुध अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग (EME) स्कूल, वडोदरा के साथ किया गया है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों की तकनीकी समस्याओं का समाधान करना और छात्र विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से शैक्षणिक अवसरों को बढ़ावा देना है।

यह समझौता आईआईटी-जीएन निदेशक डॉ. राजत मूणा और ईएमई स्कूल के कमांडेंट मेजर जनरल मोहित गांधी के बीच हुआ। यह पिछले नौ वर्षों में सेना और आईआईटी-जीएन के बीच हुआ दूसरा बड़ा करार है।

डॉ. मूणा ने बताया कि यह समझौता “एक व्यापक ढांचा” प्रदान करेगा, जिसके तहत विभिन्न रक्षा क्षेत्रों में अनुसंधान किया जाएगा। इसमें सामग्री विज्ञान, दीर्घायु और स्थायित्व पर शोध, साथ ही रडार और थर्मल इमेज प्रोसेसिंग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सहयोग केवल तकनीकी नहीं बल्कि शैक्षणिक स्तर पर भी होगा, जहां दोनों संस्थान स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अपने छात्रों को प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करेंगे।

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इससे पहले, 2016 में भारतीय सेना ने आईआईटी-जीएन में एक अनुसंधान एवं विकास (R&D) सेल स्थापित करने के लिए समझौता किया था। उस समय ऊर्जा क्षेत्र, विशेषकर हाइड्रोजन सेल और हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट पर कार्य किया गया था। नया समझौता अब सामग्री विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और विद्युत अभियंत्रण पर केंद्रित होगा।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता भारतीय सेना की विशिष्ट आवश्यकताओं को अनुसंधान, प्रशिक्षण और नवाचार के माध्यम से पूरा करने में मदद करेगा और सैनिकों की तकनीकी क्षमता को बढ़ाएगा।

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