भारत-ईएफटीए टीईपीए समझौता: भारतीय उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंच
भारत-ईएफटीए टीईपीए समझौता लागू, 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख रोजगार का लक्ष्य। कॉफी, चाय, वस्त्र, खाद्य और कृषि उत्पादों को यूरोपीय बाजारों में बढ़ी पहुंच मिलेगी।
भारत और यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) के बीच हुआ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) बुधवार से लागू हो गया है। आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड के साथ इस समझौते से भारत को वैश्विक व्यापार में बड़ा मौका मिला है। यह समझौता दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
नई दिल्ली में आयोजित शिखर बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और चारों ईएफटीए देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बिजनेस लीडर्स ने प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग, क्लीन टेक्नोलॉजी और सेवाओं के क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की। समझौते के तहत अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा कस्टम प्रक्रिया सरल होगी, सप्लाई चेन मज़बूत होगी और स्किल व क्वालिफिकेशन की मान्यता से कारोबार को गति मिलेगी।
टीईपीए के तहत कई भारतीय उत्पादों को व्यापक बाजार पहुंच मिलेगी। कॉफी पर आयात शुल्क हटने से भारतीय विशेष कॉफी को स्विट्ज़रलैंड और नॉर्वे जैसे प्रीमियम बाजारों में बढ़त मिलेगी। चाय के दाम बढ़े हैं, जबकि वस्त्र और परिधान क्षेत्र में भारत 130 मिलियन डॉलर के निर्यात को और बढ़ा सकेगा। स्पोर्ट्स गुड्स, खिलौने, लेदर, फुटवियर, रत्न-आभूषण, प्रोसेस्ड फूड, चावल, ग्वार गम, दालें और मेवे जैसे उत्पादों पर शुल्क कटौती से भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा। यह समझौता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसर और विदेशी बाजारों में मजबूत स्थिति बनाने का साधन साबित हो सकता है।
और पढ़ें: चंपारण: गांधीजी का पहला सत्याग्रह और भारत की राजनीति का नया अध्याय
और पढ़ें: सोने की 200% वापसी: आपकी संपत्ति और निवेश पर क्या असर?