×
 

सीजेआई पर हमले को नज़रअंदाज़ करने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट, बार एसोसिएशन ने जताई असहमति

सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई पर वस्तु फेंकने की घटना को नज़रअंदाज़ करने का फैसला किया, जबकि बार एसोसिएशन ने कहा कि ऐसा करने से न्यायिक संस्था की गरिमा प्रभावित होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर 2025) को मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की बेंच पर वस्तु फेंकने की घटना को "उचित तिरस्कार के साथ अनदेखा करने" की इच्छा जताई। अदालत का मानना था कि इस पर कोई कठोर कार्रवाई करने से मामला और तूल पकड़ेगा तथा अपराधी अधिवक्ता राकेश किशोर को अनावश्यक प्रसिद्धि मिल जाएगी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने कहा कि यदि इस घटना पर कोई सख्त कदम उठाया गया तो यह न केवल स्थिति को और बिगाड़ेगा, बल्कि न्याय प्रणाली से असंबद्ध व्यक्ति को सार्वजनिक मंच पर और अधिक महत्व देगा। अदालत ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस तरह की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, जिससे संस्थान की गरिमा को नुकसान पहुंच सकता है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि इस घटना को “स्वाभाविक मृत्यु” मिलने देना ही उचित होगा, क्योंकि अनावश्यक प्रतिक्रिया देना इस तरह के कृत्य को और बढ़ावा दे सकता है।

और पढ़ें: न्यायमूर्ति श्रीधरन के तबादले पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के रुख में बदलाव से न्यायिक स्वतंत्रता पर कार्यपालिका के प्रभाव को लेकर उठे सवाल

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने अदालत के रुख से असहमति जताई। एसोसिएशन का कहना था कि यदि इस तरह की हरकतों को बिना किसी दंड के छोड़ दिया गया, तो न्यायिक संस्थान “मज़ाक” बन सकता है और उसकी प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है।

बार एसोसिएशन ने यह भी कहा कि अदालत को अपनी गरिमा और अनुशासन बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की अनुचित हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

और पढ़ें: सर्वोच्च न्यायालय ने जीवन के अधिकार में मानसिक स्वास्थ्य को माना, IIT छात्र ने सस्ती चिकित्सा सहायता के लिए अदालत का रुख किया

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share