फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी के आरोप में अल-फलाह विश्वविद्यालय पर दो केस दर्ज
UGC और NAAC द्वारा गंभीर अनियमितताएं पकड़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने अल-फलाह विश्वविद्यालय पर फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी के आरोप में दो एफआईआर दर्ज कीं। जांच जारी है।
दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के अल-फलाह विश्वविद्यालय के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) और नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली की समीक्षा के दौरान गंभीर अनियमितताओं को चिन्हित किया।
अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय पर आरोप है कि उसने मान्यता प्राप्त संस्थानों से संबंधित कई दावे गलत तरीके से प्रस्तुत किए थे, जिसके बाद अपराध शाखा ने धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं के तहत ये केस दर्ज किए। UGC और NAAC की रिपोर्ट में कहा गया कि विश्वविद्यालय द्वारा दी गई कई जानकारियां तथ्यात्मक रूप से गलत थीं और मान्यता संबंधी दावों में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया था।
पुलिस ने बताया कि इन संदेहों के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हुईं और अल-फलाह विश्वविद्यालय के दस्तावेजों तथा प्रस्तुतियों की विस्तृत जांच शुरू की गई। विश्वविद्यालय हरियाणा के फरीदाबाद जिले के धौज क्षेत्र में स्थित है, जो दिल्ली के नजदीक है।
और पढ़ें: उत्तरी दिनाजपुर से एमबीबीएस छात्र की संदिग्ध आतंकी लिंक में NIA द्वारा गिरफ्तारी
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले ही एक अलग एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आपराधिक साजिश और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, ताकि हालिया ब्लास्ट घटना से जुड़े बड़े नेटवर्क की जांच की जा सके। प्रारंभिक एफआईआर, जो गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम—UAPA के तहत दर्ज की गई थी, उसे पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा जा चुका है।
शनिवार को एक पुलिस टीम ने ओखला स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के मुख्यालय का दौरा कर विश्वविद्यालय से संदिग्धों के बारे में जानकारी और दस्तावेज मांगे। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद की जाएगी।
और पढ़ें: केरल शास्त्र साहित्य परिषद् के संस्थापक और पर्यावरणविद् वी.के. दामोदरन का 85 वर्ष की आयु में निधन