ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम हटाने पर बंगाल के सरकारी अधिकारियों की आपत्ति, SIR प्रक्रिया पर उठे सवाल
पश्चिम बंगाल के सरकारी अधिकारियों ने SIR के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने ERO की भूमिका और मतदाताओं के अधिकारों के उल्लंघन की आशंका जताई।
पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के एक संगठन ने चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम हटाए जाने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। संगठन ने इसे “स्वतः प्रणाली-आधारित (सुओ-मोटू सिस्टम ड्रिवन) विलोपन” करार देते हुए कहा है कि इसमें निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ERO) की वैधानिक भूमिका को दरकिनार किया गया है।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (कार्यकारी) अधिकारियों के संघ ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को दिए गए ज्ञापन में कहा कि ड्राफ्ट सूची के प्रकाशन के दिन बड़ी संख्या में ऐसे मतदाताओं के नाम हटा दिए गए, जिनके एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) कथित तौर पर मृत्यु, प्रवास, अनुपस्थिति या दोहराव जैसे कारणों से जमा नहीं हो पाए थे।
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने 16 दिसंबर को SIR के बाद राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की थी, जिसमें मृत्यु, स्थानांतरण और फॉर्म जमा न होने सहित विभिन्न आधारों पर 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए थे।
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संघ ने मौजूदा कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि कानून के अनुसार किसी मतदाता का नाम केवल विशेष परिस्थितियों में ही हटाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब संबंधित व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी न रहा हो या वह उस क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज होने का पात्र न हो।
संगठन ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसे सभी मामलों में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 22 के तहत संबंधित ERO को मतदाता को सुनवाई का उचित अवसर देना अनिवार्य है। अधिकारियों का कहना है कि एक साथ इतने बड़े पैमाने पर नाम हटाना उन मतदाताओं के प्राकृतिक अधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होता है, जो कानून के तहत पात्र हो सकते हैं लेकिन किसी कारणवश सत्यापन प्रक्रिया में उपस्थित नहीं हो सके।
संघ ने चेतावनी दी कि ERO की जानकारी के बिना नाम हटाए जाने से जनता का आक्रोश गलत तरीके से अधिकारियों पर आ सकता है। संगठन ने सुधारात्मक कदम उठाने की मांग करते हुए राज्य के CEO मनोज कुमार अग्रवाल से ERO को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।