बिहार एसआईआर: लगभग 66 लाख मतदाता मसौदा मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं
बिहार में 7.23 करोड़ मतदाताओं का डेटा डिजिटाइज हुआ, लेकिन लगभग 66 लाख नाम मसौदा मतदाता सूची में नहीं होंगे। आपत्तियाँ 1 सितंबर तक दर्ज की जा सकती हैं।
बिहार राज्य स्तरीय मतदाता रजिस्ट्रेशन प्रणाली (एसआईआर) के तहत, लगभग 66 लाख मतदाता 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त कर उन्हें डिजिटाइज़ किया गया है। इन सभी मतदाताओं के नाम आगामी मसौदा सूची में प्रकाशित किए जाएंगे।
हालाँकि, प्रारंभिक आकलन के अनुसार, लगभग 66 लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम किसी न किसी कारणवश सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हो सकते हैं जिन्होंने आवश्यक दस्तावेज नहीं दिए, दोहराव पाए गए, या जिनकी जानकारी सत्यापन के दौरान अपूर्ण या गलत पाई गई।
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को सार्वजनिक की जाएगी और उसके बाद किसी भी प्रकार की आपत्ति, नाम विलोपन या नाम जोड़ने की मांग 1 सितंबर तक की जा सकेगी। मतदाता ऑनलाइन या संबंधित बीएलओ कार्यालय में जाकर अपनी आपत्तियाँ दर्ज करा सकते हैं।
और पढ़ें: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार को लौटाया
चुनाव आयोग ने यह भी अपील की है कि जिन लोगों को लगता है कि उनका नाम छूट गया है या किसी अन्य का नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है, वे समय रहते अपनी आपत्ति दर्ज कराएँ, ताकि अंतिम सूची निष्पक्ष और त्रुटिरहित हो।
यह कवायद राज्य में आगामी चुनावों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में लैंडमाइन विस्फोट में अग्निवीर ललित कुमार शहीद