वोटर सूची में गड़बड़ी की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो: बिनॉय विश्वम
सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने त्रिशूर में मतदाता सूची गड़बड़ी की सुप्रीम कोर्ट निगरानी में जांच की मांग की और 16 अगस्त को बड़े विरोध मार्च की घोषणा की।
सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने त्रिशूर में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को गंभीर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ सीधा खिलवाड़ है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बिनॉय विश्वम ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी 16 अगस्त को त्रिशूर में एक विशाल विरोध मार्च का आयोजन करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है और इसका खुलासा न्यायिक जांच के बिना संभव नहीं होगा।
सीपीआई नेता ने कहा कि यह केवल स्थानीय प्रशासन की विफलता नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से भी अपील की कि वह निष्पक्षता बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर रही, बल्कि सबूतों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही है। बिनॉय विश्वम ने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती और मतदाता सूची को पारदर्शी नहीं बनाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सीपीआई ने दावा किया कि कई मतदाताओं के नाम बिना वजह हटाए गए हैं और कुछ फर्जी नाम सूची में जोड़े गए हैं। पार्टी का कहना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
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