विकलांगों के लिए आवंटित धन का ‘ग़लत उपयोग’: 5 साल बाद CBI को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मामला आगे बढ़ाने की अनुमति
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विकलांगों के लिए आवंटित धन के कथित ग़लत उपयोग मामले में CBI को जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी, पांच साल बाद मामले में नया मोड़ आया।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को विकलांगों के लिए आवंटित धन के कथित ग़लत उपयोग (misappropriation) मामले में जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दी है। यह मामला 5 साल पहले दर्ज किया गया था, लेकिन अदालत की मंजूरी मिलने के बाद ही CBI इसे प्रभावी रूप से आगे बढ़ा पाएगी।
मामले में आरोप है कि राज्य सरकार या संबंधित अधिकारियों द्वारा विकलांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए नियत धन का दुरुपयोग किया गया। CBI ने आरोप लगाया कि इस धन का उपयोग अन्य प्रयोजनों या निजी लाभ के लिए किया गया, जिससे विकलांग समुदाय को उसका उचित लाभ नहीं मिल पाया।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले की संवेदनशीलता और समाज पर प्रभाव को देखते हुए जांच को पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए। अदालत ने CBI को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जांच पूरी की जाए।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में समयबद्ध जांच और न्याय सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल भ्रष्टाचार को रोकता है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करता है।
CBI ने मामले की प्रारंभिक जांच में कई दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड्स एकत्र किए हैं। अब अदालत की मंजूरी मिलने के बाद एजेंसी अभियुक्तों की पूछताछ और वित्तीय ट्रांजेक्शंस की गहन जांच कर सकेगी।
यह मामला छत्तीसगढ़ में विकलांगों के अधिकारों और कल्याण पर केंद्रित प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर महत्वपूर्ण उदाहरण है।
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