क्रिस्टा गेल पाइक की सज़ा पर बहस: टेनेसी की पहली महिला फांसी का मामला
क्रिस्टा गेल पाइक, जिन्होंने 1995 में सहपाठी की हत्या की थी, को टेनेसी में 2026 में फांसी दी जा सकती है। यह मामला महिला मृत्युदंड, मानसिक स्वास्थ्य और न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
तीन दशक से अधिक समय बाद, अमेरिका के टेनेसी राज्य में एक महिला कैदी को फांसी की सज़ा मिलने जा रही है। क्रिस्टा गेल पाइक, जो टेनेसी की इकलौती महिला मृत्युदंड कैदी हैं, को 30 सितंबर 2026 को फांसी दी जानी तय है। अगर यह सज़ा दी जाती है, तो पाइक टेनेसी में 200 साल से अधिक समय बाद फांसी पाएंगी और 1976 से अब तक अमेरिका में मौत की सज़ा पाने वाली 19वीं महिला होंगी।
यह मामला जनवरी 1995 का है, जब 18 वर्षीय पाइक ने अपने 19 वर्षीय सहपाठी कोलीन स्लेमर की बेरहमी से हत्या कर दी थी। पाइक को डर था कि उसकी 17 वर्षीय प्रेमी को स्लेमर उससे छीन लेगी। इसी आशंका के चलते उसने अपने प्रेमी और एक दोस्त की मदद से स्लेमर को जंगल में बुलाया और करीब एक घंटे तक यातनाएं देने के बाद उसकी हत्या कर दी। घटना की क्रूरता—छुरी से वार, पिटाई, सीने पर पेंटाग्राम का निशान और सिर कुचलने के बाद खोपड़ी का टुकड़ा अपने पास रखना—ने पूरे अमेरिका को झकझोर दिया था।
मामले में पाइक के दोनों साथी बच गए। उसके प्रेमी तडैरल शिप को उम्रकैद मिली और वह इस साल परोल पर आने योग्य होगा। शडोला पीटरसन, जिसने गवाह बनकर अदालत में बयान दिया, को केवल प्रोबेशन की सज़ा दी गई। वहीं पाइक को मार्च 1996 में दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड सुनाया गया।
पाइक अब 49 वर्ष की हैं और उनका कहना है कि अपराध के वक्त वे मानसिक रूप से बीमार और नाबालिग जैसी अवस्था में थीं। उनके वकील दलील दे रहे हैं कि अगर आज मुकदमा चलता तो उन्हें उम्रकैद मिलती, फांसी नहीं। बचपन में हुए शोषण और मानसिक बीमारियों का हवाला देते हुए उनकी सज़ा को चुनौती दी जाएगी। यह मामला अमेरिका में मृत्युदंड, मानसिक स्वास्थ्य और न्याय व्यवस्था पर गहन बहस खड़ा कर रहा है।
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