न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की मांग पर कांग्रेस ने सरकार पर "घटिया राजनीति" का आरोप लगाया
कांग्रेस ने सरकार पर न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की मांग पर विपक्ष के नोटिस को नकारने को लेकर घटिया राजनीति का आरोप लगाया और पूर्व सभापति धनखड़ के बयान का हवाला दिया।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर "घटिया राजनीति" करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब खबरें सामने आईं कि विपक्ष समर्थित यह नोटिस राज्यसभा में स्वीकार नहीं किया गया है।
कांग्रेस ने अपने पक्ष में 21 जुलाई को पूर्व राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह नोटिस, जिसे विपक्ष के 63 सांसदों ने हस्ताक्षरित किया था, अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बयान से स्पष्ट होता है कि प्रस्ताव को तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी आधार पर रोका नहीं जा सकता।
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह संवैधानिक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुँचा रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह मुद्दा केवल एक न्यायाधीश को हटाने का नहीं है, बल्कि इससे लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ा बड़ा सवाल उठता है।
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विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर संसद में विरोध प्रदर्शन भी किया और मांग की कि सरकार इसपर स्थिति स्पष्ट करे। यह मामला अब संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका और उनके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर एक बड़े राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है।
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