कर्नाटक में व्यक्तित्व की नकल कर धोखाधड़ी के साइबर अपराध में वृद्धि: एनसीआरबी डेटा
कर्नाटक में व्यक्तित्व की नकल कर धोखाधड़ी के साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस की चार्जशीटिंग और दोषसिद्धि दर कमजोर है, जिससे न्याय में देरी होती है।
कर्नाटक में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, खासकर धोखाधड़ी के उन मामलों में जहां अपराधी किसी अन्य व्यक्ति का व्यक्तित्व अपनाकर लोगों को ठगते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस प्रकार के धोखाधड़ी मामलों में पिछले कुछ वर्षों में स्पष्ट बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि, आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि पुलिस की जांच और आरोपी को चार्जशीट करने की दर कम है। न्यायिक प्रणाली में दोषसिद्धि की दर भी अपेक्षाकृत कमजोर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल अपराधों की बढ़ती जटिलता और ऑनलाइन प्रमाणों को इकट्ठा करने में आने वाली चुनौतियां इन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को धीमा कर रही हैं।
NCRB डेटा के अनुसार, व्यक्तित्व की नकल कर की जाने वाली धोखाधड़ी में मुख्य रूप से सोशल मीडिया और ऑनलाइन लेनदेन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाता है। अपराधी लोगों के खातों, पहचान दस्तावेजों और व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करके वित्तीय लाभ प्राप्त करते हैं।
कर्नाटक पुलिस ने इस पर ध्यान देते हुए साइबर अपराध शाखा के माध्यम से विशेष जांच टीम गठित की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल फॉरेंसिक संसाधनों की आवश्यकता है। नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है और किसी भी संदिग्ध संदेश, कॉल या ऑनलाइन अनुरोध के मामले में पुलिस से तुरंत संपर्क करने के लिए कहा गया है।
इस प्रवृत्ति के मद्देनजर, साइबर सुरक्षा और कानून के क्षेत्र में सुधार की तत्काल आवश्यकता महसूस की जा रही है।