घाना बना पश्चिम अफ्रीका का पहला देश जिसने अमेरिकी निर्वासितों को स्वीकार किया
घाना ने अमेरिका से निर्वासित नागरिकों को स्वीकार किया और ऐसा करने वाला पश्चिम अफ्रीका का पहला देश बना। सरकार पुनर्वास कार्यक्रमों से लौटे नागरिकों को समाज में शामिल करने की योजना बना रही है।
घाना ने इतिहास रचते हुए खुद को पश्चिम अफ्रीका का पहला ऐसा देश बना लिया है, जिसने अमेरिका से निर्वासित किए गए नागरिकों को औपचारिक रूप से स्वीकार किया। अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में सख्त आव्रजन नीतियों के तहत कई देशों के नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी क्रम में घाना ने उन नागरिकों को वापस लेने पर सहमति जताई, जिनकी अमेरिका में रहने की कानूनी स्थिति समाप्त हो चुकी थी।
अधिकारियों के अनुसार, यह कदम घाना और अमेरिका के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा। दोनों देशों के बीच हाल ही में इस मुद्दे पर गहन बातचीत हुई थी, जिसमें निर्वासितों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास की प्रक्रिया पर सहमति बनी।
घाना सरकार का कहना है कि वह अपने लौटे हुए नागरिकों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम तैयार कर रही है, जिसमें रोजगार के अवसर, कौशल विकास और सामाजिक सहायता शामिल होंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वासित नागरिक समाज में आसानी से घुल-मिल सकें और आत्मनिर्भर बनें।
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इस फैसले को लेकर स्थानीय स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोगों ने सरकार के कदम को सराहा और इसे राष्ट्रीय जिम्मेदारी बताया, वहीं आलोचकों ने कहा कि इससे देश के पहले से सीमित संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि घाना का यह कदम अफ्रीकी महाद्वीप में एक मिसाल कायम कर सकता है और भविष्य में अन्य पश्चिम अफ्रीकी देश भी इस तरह के समझौते कर सकते हैं।
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