COP-33 की मेज़बानी के लिए भारत ने बनाई उच्चस्तरीय समिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा COP-28 में COP-33 की मेज़बानी का प्रस्ताव देने के बाद, भारत सरकार ने इस लक्ष्य की तैयारी हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP-33 की मेज़बानी के लिए तैयारियों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुबई में आयोजित COP-28 के दौरान भारत को COP-33 के लिए संभावित मेज़बान देश के रूप में प्रस्तावित करने के बाद, केंद्र सरकार ने अब एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
इस समिति का उद्देश्य COP-33 की मेज़बानी से संबंधित सभी पहलुओं—प्रस्तावना, लॉजिस्टिक्स, अंतरराष्ट्रीय समन्वय, पर्यावरणीय एजेंडा और नीति निर्धारण—पर विचार कर उन्हें लागू करना है। समिति में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय तथा नीति आयोग के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। यह समिति जल्द ही विस्तृत कार्य योजना तैयार करेगी।
COP (Conference of the Parties) जलवायु परिवर्तन से संबंधित वैश्विक मंच है, जो संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के तहत हर वर्ष आयोजित किया जाता है। भारत द्वारा COP-33 की मेज़बानी की पेशकश न केवल देश की वैश्विक पर्यावरणीय नेतृत्व में भागीदारी को दर्शाता है, बल्कि इसकी नीति प्राथमिकताओं में जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ती गंभीरता को भी उजागर करता है।
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यदि भारत को मेज़बानी मिलती है, तो यह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु नेतृत्व की भूमिका निभाने और अपनी हरित विकास रणनीति को प्रस्तुत करने का एक बड़ा अवसर होगा।
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