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यमन में फांसी की सजा पाए भारतीय नर्स के मामले में बातचीत जारी, कोई तात्कालिक खतरा नहीं: सुप्रीम कोर्ट को जानकारी

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि यमन में मौत की सजा पाए भारतीय नर्स के मामले में बातचीत जारी है और कोई तात्कालिक खतरा नहीं है; सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध।

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में कूटनीतिक और कानूनी स्तर पर बातचीत चल रही है तथा फिलहाल कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। यह जानकारी याचिकाकर्ता संगठन 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' के वकील ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को दी।

'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है। संगठन की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया कि मामले की सुनवाई को कुछ समय के लिए स्थगित किया जाए ताकि बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

वकील ने बताया कि भारत सरकार और यमन सरकार के बीच राजनयिक स्तर पर चर्चाएं जारी हैं। इस मामले में किसी भी जल्दबाजी से बचने और बातचीत को परिणाम तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।

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पीठ ने वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यदि बातचीत का कोई सकारात्मक परिणाम निकलता है तो अदालत को अवगत कराया जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल स्थिति गंभीर नहीं है, इसलिए मामले को स्थगित किया जा सकता है।

निमिषा प्रिया, एक केरल की नर्स, को यमन की अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। उनके बचाव में भारत में और विदेशों में कई संगठन और लोग प्रयासरत हैं। यह मामला मानवीय आधार पर भी संवेदनशील माना जा रहा है और भारत सरकार इसे गंभीरता से देख रही है।

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