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हिंद-प्रशांत क्षेत्र किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रहना चाहिए: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी भी दबाव से मुक्त, समावेशी और सहयोगात्मक बने रहना चाहिए। भारत आसियान नेतृत्व वाले सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का समर्थक है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार (1 नवंबर 2025) को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific) को खुला, समावेशी और किसी भी प्रकार के दबाव या जबरदस्ती से मुक्त रहना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और शक्ति प्रदर्शन को लेकर वैश्विक चिंता लगातार बढ़ रही है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आसियान (ASEAN) के नेतृत्व में समावेशी क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के पक्ष में है। उन्होंने यह बातें मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) सम्मेलन में कहीं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता और विकास सभी देशों की साझेदारी से संभव है, न कि किसी एक देश के प्रभुत्व से। उन्होंने यह भी जोड़ा कि क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था और पारदर्शी सहयोग की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि समुद्री और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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ADMM-Plus एक बहुपक्षीय मंच है जिसमें आसियान के 10 सदस्य देश और आठ संवाद साझेदार — भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हैं। यह मंच क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा सहयोग और शांति को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

राजनाथ सिंह के इस बयान को विशेषज्ञों ने भारत की स्वतंत्र और संतुलित विदेश नीति के रूप में देखा है, जो न तो किसी गुट की ओर झुकाव दिखाती है और न ही टकराव का रास्ता अपनाती है।

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