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उम्र सीमा में छूट को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला में टकराव

उम्र सीमा छूट को लेकर LG मनोज सिन्हा और CM उमर अब्दुल्ला आमने-सामने हैं। परीक्षा से पहले फ़ाइल भेजने में देरी और जवाब न मिलने पर हजारों अभ्यर्थी असमंजस में हैं।

जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों के लिए आयु सीमा में राहत को लेकर उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच सार्वजनिक विवाद छिड़ गया है। मुख्यमंत्री द्वारा LG कार्यालय पर देरी का आरोप लगाए जाने के बाद मनोज सिन्हा ने इसे “भ्रामक” करार दिया।

मनोज सिन्हा ने कहा कि आयु सीमा में छूट से जुड़ी फ़ाइल मुख्यमंत्री कार्यालय ने 2 दिसंबर को भेजी थी, और उसी दिन इसे यह पूछते हुए वापस भेज दिया गया था कि क्या परीक्षा से सिर्फ पाँच दिन पहले पात्रता मानकों में बदलाव करना व्यावहारिक रूप से संभव है। LG का आरोप है कि इस महत्वपूर्ण प्रश्न का मुख्यमंत्री कार्यालय ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।

इस विवाद के बीच, हजारों उम्मीदवार 7 दिसंबर को होने वाली जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (JKAS) परीक्षा को लेकर असमंजस में हैं। उमर अब्दुल्ला ने JKPSC से उड़ान रद्द होने, यात्रा संकट और LG कार्यालय की देरी का हवाला देते हुए परीक्षा स्थगित करने की अपील की है। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि उम्र सीमा बढ़ाने का मुद्दा पहले भी कई बार स्वीकार किया गया है, इसलिए इस बार भी आयोग को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

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LG सिन्हा ने कहा कि आयु छूट फ़ाइल भेजने में बेहद देरी हुई, जबकि JKPSC ने तीन महीने पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि विज्ञापन 22 अगस्त 2025 को जारी हुआ था और परीक्षा तिथि 7 दिसंबर 2025, जिसे 6 नवंबर को अधिसूचित किया गया था।

राज्य में हज़ारों युवा 32 से बढ़ाकर 37 वर्ष तक की आयु सीमा किए जाने की मांग कर रहे हैं, जिसे सभी राजनीतिक दलों—यहां तक कि BJP—ने भी समर्थन दिया है।

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