कार्बी आंगलोंग हिंसा: हालात सुधरने पर असम के जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल
कार्बी आंगलोंग में हिंसा के बाद हालात सामान्य होने पर असम सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी हैं, हालांकि संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा और अतिरिक्त बलों की तैनाती जारी है।
असम के हिंसा प्रभावित कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रविवार (28 दिसंबर 2025) से बहाल कर दी गई हैं। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हालात सामान्य होने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती जारी रहेगी।
पिछले सप्ताह पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 170 से अधिक लोग घायल हुए थे। इनमें अधिकांश सुरक्षा बलों के जवान शामिल थे। हिंसा को देखते हुए 23 दिसंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थीं।
गृह एवं राजनीतिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय तिवारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि दोनों जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति अब सामान्य हो गई है तथा फिलहाल शांति भंग होने की कोई आशंका नहीं है। आदेश के अनुसार, रविवार सुबह 8 बजे से मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया और सभी सेवा प्रदाताओं को सेवाएं तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए गए।
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डिफू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तनावग्रस्त इलाकों में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुलने लगे हैं, जिससे लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए बाहर निकल रहे हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सेना, रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) तैनात हैं, जो स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर हालात पर नजर रखे हुए हैं।
हालांकि, संभावित अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 अब भी लागू है। पश्चिम कार्बी आंगलोंग में स्वदेशी कार्बी समुदाय और प्रवासी बिहारी समुदाय के बीच आदिवासी क्षेत्रों में स्थित ग्राम चरागाह आरक्षित (VGR) और पेशेवर चरागाह आरक्षित (PGR) भूमि पर कथित अतिक्रमण को लेकर विवाद चल रहा है।
कार्बी समुदाय के प्रदर्शनकारी 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे और कथित अवैध बसने वालों की बेदखली की मांग कर रहे थे। हालात उस समय बिगड़ गए जब पुलिस तीन प्रदर्शनकारियों को स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल ले गई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वह गुवाहाटी हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए कदम उठाएगी।