महाराष्ट्र में महिला डॉक्टर की मौत पर SIT और स्वतंत्र जांच की मांग
सातारा में महिला डॉक्टर की मौत के बाद राजनीतिक और सामाजिक दबाव के बीच SIT और स्वतंत्र जांच की मांग उठी, जिसमें पुलिस की निष्पक्ष जांच पर जोर दिया गया।
महाराष्ट्र के सातारा जिले में 28 वर्षीय महिला डॉक्टर की कथित मौत के मामले में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने स्वतंत्र जांच और SIT जांच की मांग की है। डॉक्टर, जो बीड जिले की निवासी थीं और फालटन के सरकारी अस्पताल में तैनात थीं, उन्हें गुरुवार (23 अक्टूबर, 2025) की रात एक होटल के कमरे में मृत पाया गया।
डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बादाने ने उन्हें कई बार बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बंकार ने मानसिक उत्पीड़न किया। उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
विपक्ष ने इस घटना को लेकर महायोगी सरकार पर निशाना साधा, वहीं राज्य मंत्रीयों ने कहा कि पुलिस निष्पक्ष और विस्तृत जांच करेगी। NCP नेता धनंजय मुंडे और शिवसेना (UBT) नेता अंबदास दानवे ने स्वतंत्र जांच की मांग की। मुंडे ने कहा कि अगर महिला डॉक्टर की शिकायतों की अनदेखी की गई, तो यह गंभीर मामला है और पूरे मामले की SIT से जांच कराते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल होना चाहिए।
दानवे ने महिला की मराठवाड़ा जड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस बेटी की मौत यह दिखाती है कि रक्षक ही शिकारी बन गए। उन्होंने सातारा जिले के बाहर से अधिकारियों की स्वतंत्र जांच समिति बनाने की मांग की।
महिला डॉक्टर ने पुलिस अधिकारियों को अपनी शिकायतों में कहा कि उन्हें पुलिस की ओर से धमकियां मिलीं और उनके बीड जिले से आने के कारण ताने दिए गए। उनके परिजनों का दावा है कि पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए उन्हें दबाव बनाया गया।
वहीं, महाराष्ट्र विधान परिषद उपाध्यक्ष नीलम गोर्हे और कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे ने निष्पक्ष जांच की बात कही। स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकार ने बताया कि डॉक्टर ने किसी उत्पीड़न की शिकायत नहीं की थी। कांग्रेस और विपक्षी शिवसेना (UBT) ने भी स्वतंत्र SIT जांच की मांग दोहराई।
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