मानवाधिकार संस्था ने बंगाली भाषियों की अवैध निर्वासन पर जताई चिंता: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने कहा कि Human Rights Watch की रिपोर्ट में बंगाली भाषी भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार और सुनियोजित तरीके से उन्हें बाहर निकाले जाने की बात कही गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन Human Rights Watch (HRW) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बंगाली भाषी भारतीयों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और अवैध निर्वासन की गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इस रिपोर्ट के हवाले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब एक सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाली भाषी लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में, न केवल प्रताड़ित किया जा रहा है बल्कि उनकी नागरिकता पर भी सवाल उठाकर उन्हें बाहर निकालने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि मानवीय अधिकारों का भी उल्लंघन है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बंगाली भाषी भारतीय देश के हर कोने में रहते हैं और देश के निर्माण व विकास में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और रिपोर्ट के निष्कर्षों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
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यह बयान ऐसे समय में आया है जब नागरिकता, पहचान और राष्ट्रीय रजिस्टर जैसे विषयों को लेकर राजनीतिक बहस लगातार तेज हो रही है। ममता बनर्जी का यह कदम बंगाली समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।
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