×
 

मणिपुर जीरीबाम हत्याकांड: जनजातीय संगठनों का दावा – गिरफ्तार एचमार समुदाय के लोगों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं

मणिपुर जीरीबाम हत्याकांड में गिरफ्तार एचमार समुदाय के लोगों के खिलाफ जनजातीय संगठनों ने आपत्ति जताई। उनका दावा है कि आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और गिरफ्तारी अनुचित है।

मणिपुर के जीरीबाम जिले में हुए हालिया हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार किए गए एचमार (Hmar) समुदाय के लोगों के खिलाफ जनजातीय संगठनों ने गंभीर आपत्ति जताई है। दो प्रमुख जनजातीय संगठनों का कहना है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और असम पुलिस द्वारा की गई ये गिरफ्तारियां “अनुचित” हैं और जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

इन संगठनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना ठोस सबूत के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है, जिससे समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। उनका कहना है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का अतीत में किसी भी प्रकार की आपराधिक या हिंसक गतिविधियों से कोई संबंध नहीं रहा है।

जनजातीय नेताओं ने मांग की है कि गिरफ्तारी की जांच एक निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए तथा जिन लोगों को बिना सबूत गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां राज्य में पहले से ही नाजुक सामुदायिक माहौल को और खराब कर सकती हैं।

और पढ़ें: मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के गुंटूर दौरे से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

रिपोर्ट्स के अनुसार, जीरीबाम हत्याकांड में कई लोगों की मौत के बाद एनआईए और असम पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया था। हालांकि, जनजातीय संगठनों का दावा है कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक दबाव और गलत खुफिया इनपुट का नतीजा हैं।

स्थानीय संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि इस मामले को संवेदनशीलता से संभाला जाए और किसी भी निर्दोष व्यक्ति को सजा न मिले।

और पढ़ें: कारगिल युद्ध के पूर्व सैनिक बने फिल्ममेकर, आत्महत्या संकट से लड़ने के प्रयास को मिली सराहना

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share