मन की बात में PM मोदी: आरएसएस के 100 वर्ष पूरे, खादी अपनाने का आह्वान
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर अनुशासन और सेवा की सराहना की, खादी अपनाने का आह्वान किया और छठ महापर्व को वैश्विक मान्यता दिलाने की बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 126वें संस्करण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष से पहले संगठन की सेवा और अनुशासन की परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए “राष्ट्र प्रथम” ही सर्वोपरि मार्गदर्शक सिद्धांत है।
मोदी ने 1925 में संघ की स्थापना को याद करते हुए कहा कि वह काल ऐसा था जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और आत्मविश्वास का गहरा संकट था। “आज़ादी केवल राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं थी, बल्कि विचारों की गुलामी से मुक्ति भी उतनी ही आवश्यक थी,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने डॉ. के.बी. हेडगेवार और गुरु गोलवलकर को संघ की मजबूत नींव रखने का श्रेय देते हुए बताया कि पिछले 100 वर्षों से स्वयंसेवक बिना थके राष्ट्रसेवा में जुटे रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं में सबसे पहले राहत देने वालों में संघ के स्वयंसेवक हमेशा आगे रहे हैं।
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विजयादशमी और आरएसएस शताब्दी पर्व का उल्लेख करते हुए मोदी ने इसे “प्रेरणादायी और ऐतिहासिक क्षण” बताया। उन्होंने गांधी जयंती पर खादी खरीदने का आह्वान किया और कहा कि पिछले 11 वर्षों में खादी की बिक्री निरंतर बढ़ी है।
संस्कृति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage सूची में शामिल करने का प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में मोदी ने नौसेना की दो महिला अधिकारियों से संवाद भी किया और उनके साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे भारतीय महिलाओं की शक्ति का प्रतीक हैं।
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