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शिवसेना प्रतीक विवाद: सुप्रीम कोर्ट 21 जनवरी से करेगा उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के ‘धनुष-बाण’ प्रतीक विवाद पर उद्धव ठाकरे गुट की याचिका की सुनवाई 21 जनवरी से तय की है। प्रत्येक पक्ष को तीन घंटे बहस का समय मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 नवंबर 2025) को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई की तारीख तय की। अदालत ने कहा कि इस मामले पर 21 जनवरी से अंतिम सुनवाई शुरू की जाएगी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने कहा कि 21 जनवरी को शिवसेना प्रतीक विवाद पर सुनवाई होगी, जबकि 22 जनवरी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से जुड़े समान विवाद पर सुनवाई की जाएगी, क्योंकि दोनों मामलों में कई समान कानूनी प्रश्न शामिल हैं। अदालत ने दोनों पक्षों को तीन-तीन घंटे का समय बहस के लिए निर्धारित किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत, जो उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए, ने दलील दी कि राज्य में निकाय चुनाव होने के कारण मामले की तत्काल सुनवाई आवश्यक है। इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि “भारत में राजनीतिक दल हमेशा चुनाव मोड में रहते हैं।”

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उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी 2024 को चुनाव आयोग ने ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न शिंदे गुट को आवंटित किया था, जिसे ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नरवकर ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका खारिज कर दी थी।

2024 के लोकसभा चुनावों में शिंदे गुट ने 7 सीटें जीती थीं, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उसे 57 सीटें मिलीं। बीजेपी को 132 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें प्राप्त हुईं। दिसंबर 2024 में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, जबकि शिंदे और पवार उपमुख्यमंत्री बने रहे।

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