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तिरुप्परनकुंद्रम में निषेधाज्ञा लागू, याचिकाकर्ताओं को स्तंभ पर दीप जलाने से रोका गया

तिरुप्परनकुंद्रम में दीप जलाने को लेकर विवाद के बीच प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगाई। अदालत आदेश के बावजूद पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर याचिकाकर्ताओं को पहाड़ी क्षेत्र में प्रवेश नहीं दिया।

मदुरै जिले के तिरुप्परनकुंद्रम मंदिर नगर में बुधवार देर शाम प्रशासन ने धारा 163 BNSS (पूर्व धारा 144 CrPC) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। यह कदम हिंदू संगठनों द्वारा पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित ‘दीपथून’ (स्तंभ) पर कार्तिगई दीपम का दीप जलाने की अनुमति मांगने को लेकर बढ़ते विरोध के बीच उठाया गया। यह स्तंभ दर्गाह के समीप स्थित है और न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन द्वारा जारी निर्देश के बाद विवाद और गहरा गया।

रात 9 बजे तक उच्च नाटकीय स्थिति बनी रही। अदालत की अवमानना याचिका में पारित आदेश की प्रति लेकर याचिकाकर्ता, हिंदू संगठनों के सदस्य तथा मद्रास हाई कोर्ट से आए CISF कर्मी दीप जलाने के लिए पहाड़ी की ओर बढ़े। उनका दावा था कि अदालत के आदेश के मुताबिक दीप जलाने की अनुमति मिलनी चाहिए।

हालांकि, मदुरै सिटी पुलिस आयुक्त जे. लोगनाथन ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए और जिला कलेक्टर के.जे. प्रवीण कुमार द्वारा तिरुप्परनकुंद्रम क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू किए जाने के बाद किसी को सुरक्षित क्षेत्र में प्रवेश देने की अनुमति नहीं है।

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पुलिस ने स्पष्ट किया कि संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी प्रकार का धार्मिक आयोजन या जमावड़ा तनाव को बढ़ा सकता है। प्रशासन का तर्क था कि दोनों समुदायों के स्थल एक-दूसरे के अत्यंत निकट होने के कारण किसी भी उत्तेजक गतिविधि से शांति भंग होने की आशंका है।

याचिकाकर्ताओं और हिंदू संगठनों ने इस रोक का विरोध किया और अदालत के आदेश के पालन की मांग की। हालांकि, प्रशासन ने कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी निर्णय पर स्थिति सामान्य होने के बाद ही विचार किया जाएगा।

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