उत्तराखंड में छात्रा एंजेल चकमा की हत्या पर त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन तेज
देहरादून में त्रिपुरा की छात्रा एंजेल चकमा की मौत के बाद राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए। छात्र संगठनों ने पूर्वोत्तर छात्रों की सुरक्षा को लेकर केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा की छात्रा एंजेल चकमा की कथित हत्या के बाद त्रिपुरा में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। इस घटना ने पूर्वोत्तर भारत से देश के अन्य हिस्सों में पढ़ाई और काम करने वाले छात्रों व युवाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एंजेल चकमा, जो त्रिपुरा की रहने वाली थीं, देहरादून में अध्ययन कर रही थीं। रिपोर्ट के अनुसार, उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना की खबर सामने आने के बाद त्रिपुरा में आक्रोश फैल गया और कई छात्र संगठनों व सामाजिक संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिए।
त्रिपुरा चकमा छात्र संघ (टीसीएसए) ने रविवार (28 दिसंबर 2025) को अगरतला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। संगठन ने आरोप लगाया कि देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर राज्यों से आने वाले छात्रों और युवाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
The Indian Witness में संगठन के नेताओं ने कहा कि एंजेल चकमा का मामला कोई एकल घटना नहीं है, बल्कि यह पूर्वोत्तर समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और भेदभाव का प्रतीक है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, त्वरित न्याय और पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा देने की मांग की।
छात्र संघ ने यह भी मांग की कि अन्य राज्यों में पढ़ने या काम करने वाले पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष तंत्र बनाया जाए और संवेदनशील इलाकों में पुलिस निगरानी बढ़ाई जाए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
इस बीच, एंजेल चकमा की मौत की जांच उत्तराखंड पुलिस द्वारा की जा रही है। परिवार और संगठनों ने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।