अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने शुरू किया संयुक्त वायु और नौसैनिक अभ्यास फ्रीडम एज
अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने ‘फ्रीडम एज’ सैन्य अभ्यास शुरू किया। इसका उद्देश्य समुद्र, आकाश और साइबरस्पेस में संयुक्त क्षमता बढ़ाना है, ताकि उत्तर कोरिया के परमाणु-मिसाइल खतरों का मुकाबला किया जा सके।
अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने एक बड़े पैमाने का संयुक्त वायु और नौसैनिक अभ्यास शुरू किया है, जिसका नाम ‘फ्रीडम एज’ (Freedom Edge) रखा गया है। यह अभ्यास तीनों देशों की संयुक्त परिचालन क्षमता को समुद्र, आकाश और साइबरस्पेस में मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास की आवश्यकता उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरों के मद्देनज़र महसूस की गई है। मंत्रालय के अनुसार, उत्तर कोरिया लगातार अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार कर रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ है। ऐसे में सहयोगी देशों के लिए सामूहिक तैयारी बेहद ज़रूरी है।
अभ्यास में आधुनिक युद्धपोत, फाइटर जेट्स और साइबर रक्षा प्रणालियाँ शामिल की गई हैं। तीनों देशों की सेनाएँ न केवल सामरिक कौशल का प्रदर्शन करेंगी, बल्कि संयुक्त संचालन के दौरान समन्वय और पारस्परिक समझ को भी और मजबूत बनाएंगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास उत्तर कोरिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया उसकी किसी भी आक्रामक कार्रवाई का संयुक्त रूप से जवाब देने में सक्षम हैं। साथ ही, यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है।
इसके अलावा, इस पहल से तीनों देशों के बीच सैन्य सहयोग नए स्तर पर पहुंचेगा और यह भविष्य में दीर्घकालिक सुरक्षा साझेदारी को भी मजबूत कर सकता है।