कनाडा अब तक की सबसे अधिक भारतीयों को बलपूर्वक निष्कासित कर रहा है
कनाडा में इस वर्ष 28 जुलाई तक 1,891 भारतीय नागरिकों को बलपूर्वक निष्कासित किया गया। कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) के आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या पिछले वर्षों से अधिक है।
कनाडा में भारतीय नागरिकों के बलपूर्वक निष्कासन का मामला इस साल बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) के अनुसार, 28 जुलाई 2025 तक इस वर्ष कुल 1,891 भारतीय नागरिकों को देश से निष्कासित किया जा चुका है। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अब तक सबसे अधिक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ोतरी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें वीजा नियमों का उल्लंघन, शरणार्थी या आप्रवासी स्टेटस से जुड़ी जटिलताएँ और कानूनी प्रक्रियाओं में देरी शामिल हैं। कई भारतीय नागरिक कानूनी तौर पर रहने के अधिकार के बावजूद, नियमों के मामूली उल्लंघन के कारण निष्कासन की प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।
CBSA ने बताया कि निष्कासन की प्रक्रिया में भारतीय नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और बढ़ती निगरानी की जा रही है। इसके तहत उन लोगों को पकड़कर वापस भारत भेजा जा रहा है, जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया या जिनके आवेदन में तकनीकी खामियां पाई गईं।
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विश्लेषकों का कहना है कि यह प्रवृत्ति कनाडा की आप्रवासन नीति और सीमा नियंत्रण के हिस्से के रूप में देखी जा सकती है। वहीं, भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर ध्यान देने और अपने नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
इस साल की संख्या यह दर्शाती है कि भारत के नागरिकों के लिए कनाडा में कानूनी प्रक्रियाओं और आव्रजन नियमों की समझ बेहद महत्वपूर्ण है। यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रह सकती है, इसलिए आव्रजन नियमों का पालन और समय पर कानूनी सहायता लेना आवश्यक है।
इस प्रकार, कनाडा में भारतीय नागरिकों का बलपूर्वक निष्कासन अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, और दोनों देशों के लिए यह नागरिक सुरक्षा और कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मामला बन गया है।
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