इंडिगो के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है CCI: रिपोर्ट
इंडिगो द्वारा उड़ान रद्दीकरण और बाजार में प्रमुख स्थिति को देखते हुए CCI यह जांच रहा है कि क्या एयरलाइन ने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन किया है। अभी कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई।
देश के सबसे बड़े एयरलाइन ऑपरेटर इंडिगो पर प्रतियोगिता नियमों के उल्लंघन का संदेह उत्पन्न होने के बाद प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) इस मामले की प्रारंभिक जांच कर रहा है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को दी। यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब इंडिगो द्वारा 2 दिसंबर से लगातार सैकड़ों उड़ानें रद्द किए जाने के कारण हजारों यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इंडिगो का घरेलू बाजार में 65% से अधिक हिस्सेदारी है, जिसके चलते उसकी ‘डॉमिनेंट पोज़िशन’ यानी प्रमुख बाजार स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि उड्डयन नियामक DGCA पहले से ही उड़ान रद्दीकरण और संचालन संबंधी खामियों की जांच कर रहा है, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि क्या इंडिगो की बाजार में मजबूत पकड़ इन समस्याओं में किसी तरह योगदान दे सकती है।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, CCI यह जांच रहा है कि क्या इंडिगो ने किसी भी रूप में प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन किया। इसमें एयरलाइन की कुल बाजार में स्थिति, कुछ रूट्स पर उसकी प्रभुत्ता और क्या उसने इस प्रभुत्व का दुरुपयोग किया, जैसे पहलू शामिल हैं। हालांकि इंडिगो के खिलाफ अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन CCI इस मामले का सुओ मोटो (स्वप्रेरणा से) परीक्षण कर रहा है।
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प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4 प्रभुत्व के दुरुपयोग से संबंधित है। इसमें अत्यधिक कीमत वसूलना, बाजार तक पहुंच से इनकार करना जैसे शोषक और अपवर्जनात्मक कृत्य शामिल हैं।
CCI किसी भी जांच का आदेश तभी देता है जब उसे prima facie यानी प्रथम दृष्टया उल्लंघन के सबूत मिलते हैं। केवल प्रमुख खिलाड़ी होना गलत नहीं, पर प्रभुत्व का दुरुपयोग नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
इंडिगो में उड़ान संचालन में आई गड़बड़ियों की वजह 1 नवंबर 2025 से लागू नई फ्लाइट ड्यूटी नॉर्म्स के खराब प्रबंधन को माना जा रहा है।
CCI का मुख्य उद्देश्य बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनाए रखना और अनुचित व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगाना है।
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