चीन ने कहा—UNESCO से अमेरिका का हटना जिम्मेदार देश जैसा व्यवहार नहीं
चीन ने अमेरिका के UNESCO से हटने को गैर-जिम्मेदाराना कदम बताया है। बीजिंग का कहना है कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे हटने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
चीन ने अमेरिका के यूनेस्को (UNESCO) से हटने के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यह कदम एक जिम्मेदार देश के व्यवहार के अनुरूप नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के निर्णय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की निष्पक्षता और सहयोग की भावना को कमजोर करते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय संगठनों से हटना अमेरिका की यह पुरानी प्रवृत्ति बन चुकी है। चाहे वह जलवायु समझौता हो या अब यूनेस्को, अमेरिका का यह कदम वैश्विक जिम्मेदारियों से पीछे हटने का प्रतीक है।”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने वर्ष 2017 में इजरायल के खिलाफ कथित पक्षपात का हवाला देते हुए यूनेस्को से हटने की घोषणा की थी, जो 2018 में प्रभावी हुई। हालांकि बाद में बाइडेन प्रशासन के कार्यकाल में अमेरिका ने पुनः सदस्यता लेने का संकेत दिया, लेकिन चीन का कहना है कि बार-बार इस तरह की नीतिगत अस्थिरता वैश्विक संस्थाओं में अविश्वास पैदा करती है।
चीन ने यह भी कहा कि यूनेस्को जैसे संगठनों का उद्देश्य संस्कृति, शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है और अमेरिका को चाहिए कि वह एक उत्तरदायी वैश्विक शक्ति की भूमिका निभाए।
इस बयान से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक खिंचाव और गहरा गया है, खासकर जब पहले से ही चीन-अमेरिका संबंध कई मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं।