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डेमोक्रेट्स ने जारी किया ट्रंप से जुड़े एप्स्टीन पत्र, नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर हिंसक प्रदर्शन

अमेरिका में ट्रंप और एप्स्टीन पत्र विवाद ने सियासत गर्माई, जबकि नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हुई।

अमेरिका और नेपाल से जुड़ी अहम घटनाओं ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज कर दी है। अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने जेफ्री एप्स्टीन के जन्मदिन से जुड़ा एक कथित पत्र सार्वजनिक किया है, जिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया है। पत्र में “सुझाव और आपत्तिजनक” संदेश होने की बात कही गई है। हालांकि, ट्रंप ने इसे पूरी तरह खारिज करते हुए इसे “फर्जी और राजनीतिक साजिश” बताया है। यह विवाद तब और गहरा हो गया है जब अमेरिका में ट्रंप पहले से ही कानूनी चुनौतियों में व्यस्त हैं। डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह दस्तावेज ट्रंप और एप्स्टीन के रिश्तों को उजागर करता है, लेकिन ट्रंप समर्थकों ने इसे बदनाम करने की रणनीति बताया है।

उधर नेपाल में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ “जनरेशन Z” के युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। राजधानी काठमांडू और अन्य हिस्सों में विरोध हिंसक हो गया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया उनके विचार अभिव्यक्ति और आज़ादी का मुख्य जरिया है, और इस पर बैन लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़पों में सैकड़ों घायल हुए हैं।

नेपाल सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें और नफरत भरी सामग्री सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं। हालांकि विपक्ष और मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है और इसे नागरिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है।

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इन दोनों घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं को जन्म दिया है—जहां एक ओर अमेरिका में राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है, वहीं नेपाल में लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई सड़कों पर आ गई है।

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