अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रमुख पॉवेल के संकेत पर डॉलर में गिरावट, सितंबर में ब्याज दर कटौती संभव
फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल के सितंबर में संभावित ब्याज दर कटौती संकेत के बाद डॉलर कमजोर हुआ। श्रम बाजार में मंदी और आर्थिक विकास संतुलन पर उनके बयान से निवेशकों की धारणा बदली।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल द्वारा संभावित सितंबर दर कटौती के संकेत देने के बाद डॉलर में गिरावट दर्ज की गई है। पॉवेल ने कहा कि श्रम बाजार में संतुलन दिखाई दे रहा है, लेकिन यह संतुलन असामान्य है क्योंकि यह श्रमिकों की मांग और आपूर्ति दोनों में उल्लेखनीय मंदी के कारण उत्पन्न हुआ है।
फेडरल रिजर्व प्रमुख ने यह भी संकेत दिया कि मौद्रिक नीति में नरमी लाने की आवश्यकता हो सकती है ताकि आर्थिक वृद्धि को सहारा दिया जा सके। उनके अनुसार, श्रम बाजार में फिलहाल ऐसा कोई अत्यधिक दबाव नहीं दिख रहा, जो मुद्रास्फीति को बढ़ा सके। यह परिस्थिति केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने का अवसर देती है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि फेडरल रिजर्व सितंबर में दरों में कटौती करता है तो इससे अमेरिकी डॉलर की मजबूती पर असर पड़ेगा और वैश्विक वित्तीय बाजारों में नई हलचल देखने को मिलेगी। विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की गिरावट से उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी अस्थायी राहत मिल सकती है।
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बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि पॉवेल के बयानों से यह संकेत मिलता है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के साथ-साथ रोजगार और विकास को संतुलित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। इस संभावित दर कटौती के चलते निवेशकों का रुख इक्विटी और अन्य जोखिम भरे परिसंपत्तियों की ओर बढ़ सकता है।