यूरोपीय संघ ने डिजिटल बॉर्डर सिस्टम की चरणबद्ध शुरुआत की
यूरोपीय संघ ने डिजिटल बॉर्डर सिस्टम की शुरुआत की। अब पासपोर्ट स्टाम्पिंग की जगह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रहेंगे। यह प्रणाली 10 अप्रैल 2026 तक पूरी तरह लागू होगी।
यूरोपीय संघ (European Union) ने अपनी बहुप्रतीक्षित डिजिटल बॉर्डर सिस्टम (Digital Border System) की चरणबद्ध शुरुआत कर दी है। इस नए सिस्टम का उद्देश्य सीमा पार नियंत्रण प्रक्रिया को आधुनिक, तेज़ और सुरक्षित बनाना है। इस प्रणाली के तहत यात्रियों के पासपोर्ट पर अब स्टाम्प नहीं लगाया जाएगा, बल्कि उनकी प्रवेश और निकास संबंधी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूप में दर्ज की जाएगी।
यूरोपीय आयोग ने बताया कि यह प्रणाली 10 अप्रैल, 2026 तक पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी। इसे चरणों में लागू करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि सभी सदस्य देशों को तकनीकी और प्रशासनिक तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
नया डिजिटल बॉर्डर सिस्टम यात्रियों के प्रवेश और प्रस्थान को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाएगा। इससे सुरक्षा एजेंसियों को वास्तविक समय में डेटा उपलब्ध होगा, जिससे अवैध प्रवेश, नकली पासपोर्ट और पहचान धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
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यूरोपीय संघ ने कहा है कि यह पहल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इससे न केवल यात्रा प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि पासपोर्ट जांच में लगने वाला समय भी घटेगा। साथ ही, यह प्रणाली सदस्य देशों के बीच बेहतर सूचना साझाकरण को भी बढ़ावा देगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय यात्रा के डिजिटलीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो आने वाले वर्षों में वैश्विक सीमा प्रबंधन की परिभाषा को बदल सकता है।
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