रूस पर EU का बड़ा प्रहार: गुजरात की नायरा एनर्जी रिफाइनरी पर भी लगे प्रतिबंध
यूरोपीय संघ ने रूस की ऊर्जा पर नए प्रतिबंधों के तहत गुजरात स्थित नायरा एनर्जी की रिफाइनरी को भी निशाना बनाया है। यह रिफाइनरी रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्त से जुड़ी है और भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है।
यूरोपीय संघ (EU) ने रूस की ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली को निशाना बनाते हुए भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी — गुजरात स्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 को घोषित नए 18वें प्रतिबंध पैकेज के तहत लगाए गए हैं।
EU की शीर्ष राजनयिक काया कैलास ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “हम पहली बार किसी फ्लैग रजिस्ट्री और भारत में स्थित रोसनेफ्त की सबसे बड़ी रिफाइनरी को निशाना बना रहे हैं।”
नायरा एनर्जी की वडिनार, गुजरात स्थित रिफाइनरी में रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्त की 49.13% हिस्सेदारी है। यह रिफाइनरी पहले एस्सार ऑयल लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी और फिलहाल भारत में 6,300 से अधिक पेट्रोल पंप संचालित करती है। कंपनी प्रतिदिन 4,00,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करती है। शेष हिस्सेदारी केसानी एंटरप्राइज़ेज लिमिटेड और अन्य व्यक्तिगत निवेशकों के पास है। जानकारी के अनुसार, कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के साथ हिस्सेदारी की संभावित बिक्री पर बातचीत कर रही है।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिकी कांग्रेस रूस से तेल खरीदने वाले देशों—भारत, चीन और ब्राज़ील—पर सख्त प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
EU के नए प्रतिबंधों में कच्चे तेल पर मूल्य सीमा को घटाकर 60 डॉलर से 47.6 डॉलर प्रति बैरल कर दिया गया है। अब कोई भी देश अगर G7 देशों की शिपिंग और बीमा सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, तो उसे इस नई सीमा का पालन करना होगा।
इसके साथ ही रूस से परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर EU में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 गैस पाइपलाइनों पर भी पूर्ण लेन-देन प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फीको ने ऊर्जा सुरक्षा पर चिंता के बावजूद इन प्रतिबंधों को हरी झंडी दे दी।
EU ने बताया कि “हर प्रतिबंध रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करता है। संदेश साफ है: यूरोप यूक्रेन के समर्थन से पीछे नहीं हटेगा।”
EU की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नायरा रिफाइनरी पर अब पूर्ण प्रतिबंध लागू होंगे—जिनमें यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज़ और संसाधनों की आपूर्ति पर रोक शामिल है।
नए प्रतिबंधों में 14 व्यक्तियों और 41 कंपनियों को शामिल किया गया है, जिससे EU द्वारा प्रतिबंधित संस्थाओं की कुल संख्या 2,500 से अधिक हो गई है। इसके अलावा रूस के तथाकथित ‘शैडो फ्लीट’—ऐसे जहाज जो प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल हैं—को भी निशाना बनाया गया है। अब 105 और जहाज EU बंदरगाहों में प्रवेश और समुद्री सेवाओं के इस्तेमाल से प्रतिबंधित हो गए हैं। एक जहाज कप्तान और एक अंतरराष्ट्रीय फ्लैग रजिस्ट्री ऑपरेटर को भी “लिस्ट” किया गया है।
बैंकिंग क्षेत्र में भी प्रतिबंध बढ़ाए गए हैं। अब कुल 45 रूसी बैंकों पर पूर्ण लेन-देन प्रतिबंध लागू होगा।
रूस और बेलारूस की सैन्य-औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी 26 और संस्थाओं को दोहरे उपयोग वाले उत्पादों की आपूर्ति के लिए प्रतिबंध सूची में डाला गया है।
हालांकि नया तेल मूल्य कैप पूरे G7 द्वारा नहीं अपनाया गया है, लेकिन ब्रिटेन ने इसे स्वीकार कर लिया है। ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने इसकी घोषणा की।
ब्रिटेन की GRU पर सर्जिकल स्ट्राइक
ब्रिटेन ने रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी GRU की तीन यूनिट्स और उनके 18 जासूसों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इन पर ब्रिटेन समेत कई देशों में वर्षों से साइबर हमलों की साजिश रचने का आरोप है।
ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, “GRU जासूस यूरोप को अस्थिर करने और यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।”
FCDO के अनुसार, इन यूनिट्स ने 2022 में यूक्रेन के मारियुपोल थिएटर पर हमले में भी भूमिका निभाई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। साथ ही, 2018 में रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर नोविचोक ज़हर हमले में भी इनका हाथ था।