फ्रांस में बढ़ा राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की कुर्सी पर संकट के बादल
फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता गहराई, प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की कुर्सी खतरे में। राष्ट्रपति मैक्रों ने उन्हें नौ महीने पहले नियुक्त किया था, अब उनका राजनीतिक भविष्य असमंजस में है।
फ्रांस एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू का भविष्य अधर में लटका हुआ है। 74 वर्षीय मध्यमार्गी नेता को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लगभग नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। लेकिन अब बदलते राजनीतिक हालात में उनके पद पर बने रहने को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
फ्रांस्वा बायरू, जो लंबे समय से फ्रांस की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रहे हैं, को सरकार में स्थिरता लाने और विभिन्न गुटों के बीच संतुलन साधने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, बीते कुछ महीनों में राष्ट्रपति मैक्रों की नीतियों और सरकार की दिशा को लेकर बढ़ते विरोध के कारण बायरू की स्थिति कमजोर होती जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रधानमंत्री का पद खाली होता है तो फ्रांस में एक और राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। इससे न केवल संसद में सत्ता संतुलन प्रभावित होगा बल्कि सरकार की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ेगा।
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राष्ट्रपति मैक्रों ने अब तक इस विषय पर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं कि क्या बायरू का कार्यकाल लंबा चलेगा या जल्द ही बदलाव होगा। विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है और कई मुद्दों पर बायरू की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
यदि बायरू को पद छोड़ना पड़ता है, तो यह राष्ट्रपति मैक्रों के लिए भी एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि वह पहले से ही आर्थिक और सामाजिक नीतियों को लेकर विरोध का सामना कर रहे हैं।
इस प्रकार, फ्रांस का राजनीतिक परिदृश्य आने वाले हफ्तों में और अधिक अस्थिर हो सकता है, और प्रधानमंत्री बायरू का भविष्य इस अस्थिरता का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
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