हमास ने सीजफायर के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई, बंधकों के शवों की देर से वापसी से बढ़ा तनाव
हमास ने सीजफायर के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि बंधकों के शवों की देरी और ट्रम्प की चेतावनी ने मध्य पूर्व में तनाव और कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया।
मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच, हमास ने सीजफायर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बंधकों के शवों की वापसी में लगातार देरी हो रही है, जिससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ गया है।
हमास के प्रवक्ता ने कहा कि संगठन समझौते के तहत अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार है और बंधकों और उनके शवों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह का उल्लंघन या हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी थी कि यदि हमास अपने हिस्से का समझौता पूरा नहीं करता और बंधकों के शव वापस नहीं करता, तो वह इजरायल को युद्ध फिर से शुरू करने की अनुमति देने को तैयार हैं। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका इजरायल के सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि बंधकों के शवों की देर से वापसी ने न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मध्यस्थ प्रयासों को भी चुनौती दी है। हमास का यह बयान संघर्ष को रोकने और स्थिति को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस समय, सभी की नजरें बंधकों की सुरक्षित वापसी और सीजफायर के पालन पर टिकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि हमास की प्रतिबद्धता वास्तविक रूप में निभाई जाती है, तो यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत होगा।
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