हेगसेथ ने वीडियो साझा किया, जिसमें पादरी महिलाओं के मतदान अधिकार खत्म करने की वकालत करते दिखे
पीट हेगसेथ ने एक वीडियो साझा किया जिसमें पादरी महिलाओं के मताधिकार को संविधान से हटाने की बात कर रहे हैं, जबकि एक अन्य पादरी ने परिवार आधारित मतदान प्रणाली का समर्थन किया।
अमेरिकी टेलीविजन होस्ट और राजनीतिक टिप्पणीकार पीट हेगसेथ ने हाल ही में एक वीडियो फिर से पोस्ट किया, जिसमें दो पादरी महिलाओं के मतदान अधिकार को खत्म करने की वकालत करते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो एक रिपोर्ट का हिस्सा था, जिसमें विभिन्न धार्मिक दृष्टिकोणों और विवादित राजनीतिक विचारों पर चर्चा की गई थी।
वीडियो में दिखाए गए पहले पादरी का संबंध विल्सन के चर्च से है। उन्होंने संविधान से महिलाओं के मतदान के अधिकार को हटाने की पैरवी की। उनका कहना था कि यह बदलाव समाज को “पारंपरिक मूल्यों” की ओर वापस ले जाएगा और “राजनीतिक व्यवस्था में स्थिरता” लाएगा।
दूसरे पादरी ने, जो एक अलग चर्च से हैं, कहा कि उनके आदर्श संसार में मतदान व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि परिवार या गृहस्थी के आधार पर होना चाहिए। उनका तर्क था कि इस तरह की प्रणाली “सामूहिक पारिवारिक निर्णय” को प्राथमिकता देगी और राजनीतिक प्रक्रिया में एकता लाएगी।
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पीट हेगसेथ द्वारा इस वीडियो को साझा करने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कई लोगों ने इसे महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर हमला और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया। वहीं, कुछ समर्थकों ने कहा कि इस विषय पर खुली बहस होनी चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में महिलाओं के मताधिकार को लेकर इस तरह के विचार बेहद अल्पसंख्यक हैं और 1920 में 19वें संशोधन के तहत यह अधिकार सुनिश्चित होने के बाद से इसे खत्म करने की कोई गंभीर राजनीतिक कोशिश सफल नहीं हुई है।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विवादास्पद विचारों को कितनी जल्दी फैलाने और राष्ट्रीय बहस का विषय बनाने में सक्षम हैं।
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