भारत में सामान्य मानसूनी वर्षा, कुछ राज्यों में बाढ़ तो कुछ में सूखा जैसे हालात
भारत में 1 जून से 10 अगस्त तक औसत से 1% अधिक वर्षा हुई, लेकिन राज्यों में असमान वितरण के कारण कुछ जगह बाढ़ और कुछ में सूखे जैसे हालात हैं।
भारत में इस साल मानसून के दौरान सामान्य वर्षा दर्ज की गई है, लेकिन इसका वितरण असमान रहा है। 1 जून से 10 अगस्त के बीच देश में औसतन 539 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य 535.6 मिमी से लगभग 1% अधिक है। यह आंकड़ा लंबे समय की औसत वर्षा (Long Period Average - LPA) के लगभग बराबर है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कुछ राज्यों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जबकि कई अन्य राज्यों में वर्षा की कमी से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। पूर्वोत्तर राज्यों, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केरल के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ा और निचले इलाकों में जलभराव हुआ।
दूसरी ओर, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में वर्षा की कमी दर्ज की गई है। यहां कृषि गतिविधियों और जल भंडारण पर असर पड़ने की आशंका है।
और पढ़ें: संसद ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 को दी मंजूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते वर्षा का पैटर्न अधिक असमान और अनिश्चित होता जा रहा है। भले ही औसत आंकड़े सामान्य दिख रहे हों, लेकिन वास्तविकता में कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा और अन्य क्षेत्रों में कमी किसानों और जल संसाधन प्रबंधन के लिए चुनौती बन रही है।
सरकार और मौसम विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पर नजर बनाए रखने और आवश्यकतानुसार राहत कार्य शुरू करने की तैयारी की है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शेष मानसून अवधि में वर्षा का वितरण ही कृषि और जल प्रबंधन पर असली प्रभाव डालेगा।
और पढ़ें: पाकिस्तान की परमाणु कमान पर भारत का सवाल, असीम मुनीर के बयान से शंकाएं गहरी