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भारत-ओमान एफटीए का असर: तुर्की की जगह ओमान से आएंगे मार्बल ब्लॉक, बोले पीयूष गोयल

भारत-ओमान एफटीए के तहत ओमान से मार्बल ब्लॉक आयात होंगे, जिससे तुर्की पर निर्भरता घटेगी, घरेलू प्रसंस्करण बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

भारत और ओमान के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का असर अब मार्बल उद्योग में साफ तौर पर दिखने लगा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ओमान ने भारत को मार्बल ब्लॉकों के निर्यात पर सहमति दे दी है। इससे भारत तुर्की से होने वाले मार्बल आयात की जगह ओमान से मार्बल मंगाएगा और घरेलू प्रसंस्करण उद्योग को बड़ा लाभ मिलेगा।

मंत्री गोयल का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और तुर्की के संबंध मई महीने से तनावपूर्ण हैं। हाल ही में ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत के 23 शहरों को निशाना बनाने के लिए तुर्की निर्मित ड्रोन के इस्तेमाल के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है।

पीयूष गोयल ने बताया कि ओमान ने वर्ष 2016 से कच्चे मार्बल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा था, ताकि देश में वैल्यू एडिशन को बढ़ावा दिया जा सके। हालांकि भारत पहला देश है, जिसके लिए ओमान ने मार्बल ब्लॉकों के निर्यात की अनुमति दी है। उन्होंने कहा, “मार्बल ब्लॉकों के निर्यात पर ओमान में प्रतिबंध था। भारत के लिए पहली बार इसे खोला गया है। इससे हमारे मार्बल और प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती मिलेगी।”

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मंत्री ने आगे कहा कि इस समझौते से भारत को अब तैयार मार्बल आयात करने की बजाय कच्चा माल मिलेगा, जिससे देश में ही मार्बल टाइल्स और फर्श तैयार किए जा सकेंगे। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि ओमान से आने वाला मार्बल तुर्की के मुकाबले बेहतर कीमत पर उपलब्ध होगा। इससे भारत का आयात खर्च घटेगा और व्यापार संतुलन पर सकारात्मक असर पड़ेगा। कुल मिलाकर, यह कदम भारत के मार्बल उद्योग और रोजगार सृजन के लिए अहम माना जा रहा है।

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