अमेरिका का करीबी साझेदार भारत, लेकिन रूस से तेल खरीद पर ट्रंप ने लगाया अतिरिक्त शुल्क: रुबियो
रुबियो ने कहा कि भारत अमेरिका का करीबी साझेदार है, लेकिन रूस से तेल खरीद पर ट्रंप ने अतिरिक्त शुल्क लगाया; ट्रंप ने पुतिन के खिलाफ कई बार कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन पीछे हट गए।
अमेरिका के सीनेट सदस्य मार्को रुबियो ने कहा है कि भारत अमेरिका का करीबी साझेदार है, लेकिन रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। रुबियो ने यह टिप्पणी उस समय की जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कई बार कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन फिर उन धमकियों को लागू नहीं किया।
रुबियो ने स्पष्ट किया कि ट्रंप प्रशासन ने वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए रूस से तेल के आयात पर टैरिफ लगाया। उन्होंने कहा कि भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक और रणनीतिक संबंध हैं। हालांकि, रुबियो ने यह भी संकेत दिया कि ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता रही और कई बार अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी धमकियां केवल राजनीतिक संकेत के रूप में रह गईं।
रुबियो ने बताया कि ट्रंप ने पुतिन के खिलाफ कार्रवाई करने की कई बार घोषणा की, लेकिन वास्तविक कदम उठाने में पीछे हट गए। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के खिलाफ अमेरिका की नीति और विश्व नेताओं के बीच विश्वास पर सवाल उठे।
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विशेषज्ञों का मानना है कि रुबियो की यह टिप्पणी भारत-यूएस संबंधों और रूस-भारत ऊर्जा व्यापार को लेकर अमेरिका की नीतियों की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अमेरिका अपने साझेदार देशों की गतिविधियों पर नजर रखता है, लेकिन अक्सर उसके निर्णय जटिल और राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर होते हैं।
रुबियो की व्याख्या से यह संकेत मिलता है कि भविष्य में वैश्विक ऊर्जा और सुरक्षा नीतियों में सहयोग और टकराव दोनों की संभावनाएं मौजूद हैं।
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