इज़राइल ने ग्रेटा थुनबर्ग सहित 171 गाज़ा फ़्लोटिला कार्यकर्ताओं को किया निर्वासित
इज़राइल ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग सहित 171 गाज़ा फ़्लोटिला कार्यकर्ताओं को निर्वासित किया। स्विट्जरलैंड लौटे नौ कार्यकर्ताओं ने हिरासत में अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया।
इज़राइल ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग सहित 171 गाज़ा फ़्लोटिला कार्यकर्ताओं को निर्वासित कर दिया है। ये सभी कार्यकर्ता गाज़ा के लिए मानवीय सहायता लेकर जा रहे जहाजों के बेड़े का हिस्सा थे। इज़राइल ने इन सभी को हिरासत में लेने के बाद देश से बाहर भेज दिया।
रविवार को नौ कार्यकर्ता स्विट्जरलैंड लौटे। उन्होंने आरोप लगाया कि इज़राइल में हिरासत के दौरान उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उनका कहना है कि उन्हें खराब परिस्थितियों में रखा गया और बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया गया। इन कार्यकर्ताओं में कई यूरोपीय देशों से आए शांति और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे।
इज़राइली अधिकारियों ने कहा कि फ़्लोटिला को गाज़ा तट की ओर बढ़ने से रोका गया क्योंकि वह इज़राइल द्वारा लगाए गए समुद्री प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा था। इज़राइल का तर्क है कि ये प्रतिबंध हमास के नियंत्रण वाले गाज़ा में हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए लगाए गए हैं।
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वहीं, फ़्लोटिला आयोजकों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल गाज़ा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाना था और इज़राइल की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि उनके जहाजों पर खाद्य सामग्री, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुएं थीं।
ग्रेटा थुनबर्ग, जो जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर सक्रिय हैं, ने कहा था कि गाज़ा की मानवीय स्थिति अंतरात्मा को झकझोरने वाली है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वहां की जनता की मदद करनी चाहिए।
इस घटना के बाद इज़राइल की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है, जबकि इज़राइल ने अपने कदम को सुरक्षा कारणों से आवश्यक बताया है।