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कई शहरों में इज़राइल के नौसैनिक अभियान के विरोध में दुकानों और रेस्तरां पर तोड़फोड़

इज़राइल ने गाजा की नाकाबंदी तोड़ने वाली नौकाओं को रोका। दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन, कूटनीतिक विवाद और दुकानों पर तोड़फोड़ हुई। घटनाओं ने मानवता सहायता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर डाला।

इज़राइल ने गाजा की नाकाबंदी तोड़ने के लिए भेजी गई एक नौकाओं की फ्लीट को इंटरसेप्ट किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध और आलोचना हुई। इस अभियान में 41 नौकाओं पर सवार 400 से अधिक एक्टिविस्ट्स को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि सभी एक्टिविस्ट्स सुरक्षित और स्वस्थ हैं। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य गाजा में मानवता सहायता पहुँचाने वाली नौकाओं को रोकना और हथियारों की आपूर्ति को रोकना था।

दुनिया भर में कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक ब्लॉक किया और दुकानों व रेस्तरां को क्षतिग्रस्त किया। डबलिन, पेरिस, बर्लिन और जेनेवा में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और इज़राइल की गाजा नाकाबंदी की निंदा की। एक्टिविस्ट्स ने गाजा के लिए केवल प्रतीकात्मक मात्रा में मानवता सहायता लायी थी। इज़राइल ने उन्हें अपने देश में डॉकिंग करने की पेशकश की थी ताकि सहायता गाजा तक पहुँचाई जा सके, लेकिन सक्रियताओं ने इसे अस्वीकार कर दिया।

दिप्लोमैटिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हुई। कोलंबिया ने सभी इज़राइली कूटनीतिक कर्मचारियों को देश से बाहर निकाला और इज़राइल के साथ व्यापार समझौते को रद्द कर दिया। तुर्की ने इसे “आतंकवाद” करार दिया, जबकि हमास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इसे “सिविलियन के खिलाफ समुद्री आतंकवाद और समुद्री डकैती” कहा। स्पेन और बेल्जियम ने भी अपने इज़राइली राजदूतों को तलब किया। इन घटनाओं के चलते दुनिया भर में इज़राइल के खिलाफ प्रदर्शन और समर्थन अभियान तेज हुए, जिसमें इटली, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन शामिल हैं।

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इसकी संभावित प्रभावों में वैश्विक कूटनीतिक तनाव, इज़राइल और कुछ देशों के बीच व्यापार समझौतों में रुकावट, और गाजा में मानवता सहायता वितरण पर प्रभाव शामिल हैं। विरोध प्रदर्शन, विश्वविद्यालयों में छात्र आंदोलन, हड़ताल और सड़कों पर यातायात बाधित करना दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर गाजा नाकाबंदी और मानवता सहायता को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी है। लंबे समय तक, इस घटना ने इज़राइल की नीतियों और गाजा में सुरक्षा स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ सकता है।

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