इज़रायल ने 2026 से गाज़ा में कई मानवीय संगठनों पर रोक लगाने का ऐलान किया
इज़रायल ने नए नियमों का हवाला देते हुए 2026 से गाज़ा में 30 से अधिक मानवीय संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया, जिस पर सहायता एजेंसियों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
इज़रायल ने मंगलवार (30 दिसंबर, 2025) को घोषणा की कि वह 2026 से गाज़ा पट्टी में कई मानवीय संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाएगा। इज़रायली सरकार के अनुसार, नए पंजीकरण नियमों का पालन न करने के कारण 30 से अधिक सहायता संगठनों को निलंबित किया गया है। इन संगठनों में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (MSF) और ‘केयर’ जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन भी शामिल हैं।
इज़रायल का कहना है कि ये नए नियम हमास और अन्य उग्रवादी संगठनों को सहायता एजेंसियों में घुसपैठ से रोकने के लिए बनाए गए हैं। हालांकि, मानवीय संगठनों का आरोप है कि ये नियम मनमाने हैं और इनसे गाज़ा की पहले से संकटग्रस्त नागरिक आबादी को गंभीर नुकसान पहुंचेगा, जो मानवीय सहायता पर निर्भर है।
इज़रायल ने युद्ध के दौरान कई बार आरोप लगाया है कि हमास सहायता सामग्री का दुरुपयोग करता रहा है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और सहायता संगठनों ने इन आरोपों को खारिज किया है। नए नियमों के तहत संगठनों को अपने कर्मचारियों के नाम, फंडिंग और संचालन से जुड़ी विस्तृत जानकारी इज़रायली अधिकारियों को देनी होगी।
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इन नियमों में वैचारिक शर्तें भी शामिल हैं, जिनके तहत इज़रायल के बहिष्कार का समर्थन करने, 7 अक्टूबर के हमले से इनकार करने और इज़रायली नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मुकदमों का समर्थन करने वाले संगठनों को अयोग्य ठहराया जाएगा। इज़रायल के प्रवासी मामलों के मंत्री अमिचाई चिकली ने कहा कि मानवीय सहायता का स्वागत है, लेकिन आतंकवाद के लिए उसका इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने चेतावनी दी कि इस फैसले से गाज़ा में उनके काम पर विनाशकारी असर पड़ेगा, जहां वे लगभग 20% अस्पताल बेड और एक-तिहाई प्रसव सेवाओं का समर्थन करते हैं। संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों की सूची साझा करने से उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है, क्योंकि युद्ध में सैकड़ों सहायता कर्मियों की जान जा चुकी है।
इस बीच, गाज़ा सिटी में इज़रायली गोलीबारी में एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत की भी खबर है। गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 71,266 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, हालांकि इज़रायल इन आंकड़ों से असहमत है।